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वर नपुसंक नसावा
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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वर
Meanings: 368; in Dictionaries: 13
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वर करणे
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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खाका वर करणे
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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वर-सुंदरी
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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वर घेणे
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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वधू-वर परीक्षा
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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वरती करणे
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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वराच्या गुणांसंबंधाने अनुमाने
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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मनुकालापूर्वी स्वयंवरपद्धती बंद होती
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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दूर ठिकाणच्या वराचा निषेध
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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कामशास्त्र, ज्योतिषशास्त्र आधारे पाहावयाच्या गोष्टी
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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‘ सीमान्तपूजन ’ विधीवरून प्राचीन रीतीचे ज्ञान
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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कन्याविक्रय व आसुरविवाह
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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साधनिक शास्त्रे व त्यांची उत्पत्ती
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
Type: PAGE | Rank: 1.379629 | Lang: NA
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भावी मुदतीची लग्ने
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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‘ विवाह ’ संस्थेचा संक्षिप्त इतिहास
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
Type: PAGE | Rank: 1.375939 | Lang: NA
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दर्शनी विरोधात्मक धर्ममतपरीक्षा
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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वेदमंत्रांचा विशेष विचार
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
Type: PAGE | Rank: 1.375912 | Lang: NA
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कन्यापरीक्षेसंबंधाने या शास्त्राधारे पाहण्याच्या गोष्टी
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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अनुक्रमणिका
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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वराची मातापितरे
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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जावयास मदत, व घरजावई करणे
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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वर जाणे
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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(वर) नंबर मारणें
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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वर-सुन्दरी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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वर असणे
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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बगल वर करणें
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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बगला वर करणें
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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वर येणे
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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घरच्या भाकरी घर, दोन पैसे वर
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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खोटा तो खोटा आणि वर फुकाचा ताठा
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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चाक वर येणें
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मान वर करणें
Meanings: 5; in Dictionaries: 1
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मान वर काढणें
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वर डोकें काढणें
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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अंगाईगीत - पालक पाळयीना वर खेळना प्...
मोजक्या आणि शेलक्या शब्दांचा वापर करून निर्माण झालेलें अंगाईगीत काव्य प्रामाणिकपणें मनांत आलेल्या आईच्या भावनेचा आविष्कार करते.
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माझेंच नाक वर
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चोर तर चोर आणि वर शिरजोर
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वर पाहणें
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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वर वर्हाडास गेलें तरी घोडें करड
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चार दिशांस चार व वर सूर्य
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याचकाचा हात खालीं आणि दात्याचा हात वर असतो
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वर येणें
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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आरती ब्राह्मणाची - सुरवर वर मुनिवर वंदिती द्...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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संत जनाबाई - वर स्कंधी ऋषि तो वाहिला ।...
जनाबाई, दासीपणाची कामे करीत असताना तिच्या मनाने, अभंगांतून आध्यात्मिक प्रगती आणि पारमार्थिक उन्नती केली.
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संत जनाबाई - ऐसा वर देई हरी । गांई नाम...
जनाबाई, दासीपणाची कामे करीत असताना तिच्या मनाने, अभंगांतून आध्यात्मिक प्रगती आणि पारमार्थिक उन्नती केली.
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तळाशी पोहोचल्याशिवाय वर बुडबुडे येत नाहीत
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काख वर करणें
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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काखा वर करणें
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